देहरादून: डिफेंस एरिया में मौजूद जसवंत ग्राउंड में आज से रक्षा मंत्रालय के दो दिवसीय ‘सूर्या ड्रोन फेस्टिवल 2025’ की शुरुआत हो गई है. जिसका शुभारंभ राज्यपाल गुरमीत सिंह ने किया. इस फेस्टिवल को भारत की रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम उपलब्धि माना जा रहा है.
बता दें कि भारतीय सेना की सेंट्रल कमांड की ओर से सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (SIDM) के सहयोग से दो दिवसीय प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है. प्रदर्शनी देश में विकसित अत्याधुनिक ड्रोन प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित कर रही है, जो बहुआयामी सैन्य आवश्यकताओं के अनुरूप है. साथ ही आत्मनिर्भर भारत अभियान से भी प्रेरित है. इस दौरान प्रदर्शनी भी आयोजित की गई. प्रदर्शनी में ड्रोन की लड़ाकू और प्रबंधन क्षमताओं पर आधारित लाइव डेमो शामिल रहा.
एसआईडीएम (SIDM) के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भाटिया ने अपने संबोधन में नवाचार, सहयोग और भविष्य की सैन्य आवश्यकताओं पर जोर दिया. जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने कहा कि अब अमानवीय प्रणालियां (Unmanned Systems) आधुनिक रक्षा प्रणाली का अभिन्न अंग बन चुकी हैं. भारत रक्षा क्षेत्र में एक तकनीकी क्रांति के द्वार पर खड़ा है. ‘सूर्या ड्रोन टेक 2025’ इस दिशा में सामूहिक प्रगति और सहयोग का प्रतीक है.
वहीं, राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि ड्रोन प्रौद्योगिकी केवल रक्षा क्षेत्र ही नहीं, बल्कि कृषि, आपदा प्रबंधन और अवसंरचना जैसे क्षेत्रों में भी क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकती है. नवाचार को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाना बेहद आवश्यक है. यह गर्व की बात है कि उत्तराखंड ऐसे भविष्यवादी और तकनीकी कार्यक्रम की मेजबानी कर रहा है, जिससे राज्य और देश दोनों को लाभ होगा.
“यह प्रदर्शनी तकनीकी प्रगति का न केवल साक्षी है. बल्कि, इसका भी प्रमाण है कि ड्रोन तकनीक किस तरह हमारे भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं. उत्तराखंड ड्रोन प्रौद्योगिकी का अग्रदूत राज्य बन सकता है. हम न केवल तकनीकी विकास को बढ़ावा देंगे. बल्कि, युवाओं को भी भविष्य के लिए तैयार करेंगे. मुझे पूरा विश्वास है कि यह आयोजन न केवल तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देगा. बल्कि, नए सहयोग, विचार और अवसर भी पैदा करेगा. उत्तराखंड के लिए भी यह कार्यक्रम मील का पत्थर साबित होगा और पूरे भारत को ड्रोन तकनीक में वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर करेगा.”
–गुरमीत सिंह, राज्यपाल