देहरादून: उत्तराखंड में हरिद्वार जिला छोड़ बाकी प्रदेश के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही हैं. वर्तमान समय में आरक्षण प्रस्ताव पर प्राप्त आपत्तियां का निस्तारण किया जा रहा है. तय के कार्यक्रम के अनुसार, 17 जून को आरक्षण प्रस्ताव से संबंधित आपत्तियों का निस्तारण करने की अंतिम तिथि रखी गई है. ऐसे में 18 जून को आरक्षण की अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी. संभावना जताई जा रही है कि 19 जून को आरक्षण का प्रस्ताव पंचायती राज विभाग और राज्य निर्वाचन आयोग को मिलने के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संबंधित अधिसूचना जारी हो सकती है.
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर सरकार पहले ही यह स्पष्ट कर चुकी है की चुनाव संबंधित उनकी तैयारी पूरी है. तो वहीं, दूसरी ओर राज्य निर्वाचन आयोग ने भी पंचायत चुनाव से संबंधित तैयारी यह लगभग पूरी कर ली है. ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग को आरक्षण प्रस्ताव मिलने के बाद आयोग चुनाव की दिशा में आगे बढ़ जाएगा. बातचीत करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल ने कहा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जाने को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी हैं. प्रदेश के दोनों मंडलों में पंचायत चुनाव संबंधित ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है.
उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के दृष्टि गत मतदाताओं की सूची भी फाइनल कर ली है. मतदाता सूची के अनुसार, हरिद्वार जिला छोड़ प्रदेश के 12 जिलों में कुल 47,72,020 मतदाता हैं. जिसमें 24,63,183 पुरुष मतदाता, 23,08,465 महिला मतदाता और 372 अन्य मतदाता शामिल हैं. ये सभी मतदाता, पंचायतों में 7499 ग्राम प्रधान, 55583 ग्राम पंचायत सदस्य, 2975 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 358 जिला पंचायत सदस्य के पदों यानि पंचायतों के कुल 66415 पदों पर प्रतिनिधियों का चयन करने के लिए मतदान करेंगे.
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर मतदान के लिए 10529 बूथ बनाए जाएंगे. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी के सवाल पर पंचायतीराज सचिव चंद्रेश यादव ने कहा पदों और आरक्षण से संबंधित अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है. ऐसे में आरक्षण की प्रक्रिया 19 जून तक पूरी कर ली जाएगी. आरक्षण प्रस्ताव संबंधित जो भी आपत्तियां आई हैं उन आपत्तियों का निस्तारण 17 जून तक जिला स्तर पर किया जाएगा. ऐसे में 18 जून को आरक्षण प्रस्ताव के फाइनल सूची को पब्लिश किया जाएगा. 19 जून को आरक्षण प्रस्ताव को पंचायती राज निदेशालय को सौंपा जाएगा. इसके बाद पंचायती राज निदेशालय की ओर से आरक्षण प्रस्ताव, राज्य निर्वाचन आयोग को उपलब्ध कराया जाएगा.