चमोली: बदरीनाथ धाम के कपाट बंद की प्रक्रिया पंच पूजाओं का आज तीसरा दिन है. बदरीनाथ मंदिर गर्भ गृह में वेद-उपनिषद पूजा के बाद देर शाम से वेद ऋचाओं का वाचन बंद होगा. पंच पूजा के तीसरे दिन रविवार को पंच पूजा में प्रातः काल मुख्य पुजारी बंदे रावल अमरनाथ नंबूदरी और बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल की उपस्थिति में धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट ने पवित्र वेद उपनिषद को श्री बदरीनाथ मंदिर के गर्भ गृह में पूजा-अर्चना हेतु रावल के सुपुर्द किया.
देर शाम इन धार्मिक पुस्तकों को मंदिर के गर्भ गृह से धर्माधिकारियों और वेद पाटियों के सुपुर्द कर दिया जाएगा. अंत में धर्माधिकारी वेद ऋचाओं और पुस्तकों को बंद करेंगे. इसके साथ ही रविवा सांय काल से बदरीनाथ धाम में वेद ऋचाओं का वाचन भी बंद हो जाएगा. जबकि नित्य पूजाएं और अभिषेक पूजन का कार्यक्रम चलता रहेगा.
25 नवंबर को बंद होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट
भगवान बदरी विशाल के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तीसरे दिन आज वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जाएगा. 25 नवंबर को शुभ मुहूर्त पर भगवान बदरी विशाल के श्री कपाट बंद होंगे. इससे पहले वैदिक परंपराएं पंच पूजा की प्रथा के तहत बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) द्वारा सभी तरह की वैदिक परंपरा का निर्वाहन किया जा रहा है.
बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तीसरे दिन 23 नवंबर (रविवार) से मोक्ष नगरी श्री बदरीनाथ धाम में वेद ऋचाओं का वाचन शीतकाल हेतु रूक जाएगा. नर नारायण और गंधमादन पर्वत सहित बदरी पुरी की कंदराओं में शीतकाल में वेद ऋचाओं की गूंज नहीं सुनाई देगी. आज विशेष पूजा अर्चना के बाद देर सांय विधिवत रूप से वेद उपनिषद ग्रंथों को बंद कर दिया जाएगा.
16 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए अब तक दर्शन
बता दें कि कपाट खुलने से 22 नवंबर 2025 तक 16 लाख 42 हजार 510 श्रद्धालुओं ने भगवान बदरी विशाल जी के दर्शन कर लिए हैं. जिसमें 9 लाख 5 हजार 522 पुरुष, 6 लाख 10 हजार 604 महिला और 1 लाख 26 हजार 384 बच्चे शामिल हैं.







