रुद्रपुर: तराई केंद्रीय वन प्रभाग के पीपल पड़ाव में ट्रेन की टक्कर से एक नर हाथी गंभीर रूप से घायल हो गया. घायल हाथी के पिछले पैरों में चोट आई है. जिस कारण वह खड़ा नहीं हो पा रहा है. वन विभाग की डॉक्टरों की टीम हाथी के उपचार में जुटी हुई है. ट्रेन चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इसके साथ ही मथुरा की वाइल्ड लाइफ टीम से हाथी के इलाज करने के लिए संपर्क किया गया है.
तराई केंद्रीय वन प्रभाग के पीपल पड़ाव रेंज के तिलपुरी में ट्रेन की टक्कर लगने से एक हाथी गंभीर रूप से घायल हो गया. सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. जिसके बाद हाथी को प्राथमिक उपचार दिया गया. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि हाथी ट्रेन से टकराने के बाद ट्रैक के पास बने गड्ढे में जा गिरा. तब से वह दर्द से छटपटा रहा है. लगभग 15 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद भी वन विभाग की टीम ने हाथी को बमुश्किल गड्ढे से बाहर निकाला है. डॉक्टर की टीम हाथी के उपचार में जुटी हुई है. ट्रेन की टक्कर से हाथी के पिछले पैरों में चोट आई है, जिस कारण वह खड़ा नहीं हो पा रहा है.
वन विभाग के अनुसार, शुक्रवार देर शाम गूलरभोज से लालकुआं जा रही डीएमसी ट्रेन की टक्कर से नर हाथी घायल हो गया था. टीम को सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची. हाथी के पिछले पैरों में चोट आई है. आज सुबह हाथी के घायल होने की सूचना पर ग्रामीणों का घटना स्थल के आसपास जमावड़ा लगा रहा. घटना वाले स्थान पर बोर्ड में ट्रेन स्पीड 30 किमी प्रति घटना की चाल से चलने के निर्देश भी लिखे गए हैं.
गौरतलब है कि 2021 में भी तिलपुरी क्षेत्र में एक हथनी और उसके 6 माह के बच्चे की मौत ट्रेन की टकराने के बाद हुई थी. जिसके बाद टांडा जंगल और बरेली को जाने वाले ट्रैक में ट्रेन की स्पीड 30 किमी प्रति घंटा से गुजरने के आदेश जारी हुए थे. वन विभाग ने वन्य जीव अधिनियम के तहत लोको पायलट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.
तराई केंद्रीय वन प्रभाग के डीएफओ यूसी तिवारी ने बताया कि घटना शुक्रवार देर शाम की है. ट्रेन की टक्कर से हाथ गंभीर रूप से घायल हुआ है. उसके पिछले पैरों में चोट आई है, जिस कारण वह खड़ा नहीं हो पा रहा. दोपहर बाद हाथी को गड्ढे से बाहर निकाला कर ड्राई एरिया में रखा है. धूप से दिक्कत न हो, इसकी भी व्यवस्था मौके पर की गई है. डॉक्टर की तीन सदस्यी टीम हाथी के उपचार में लगी हुई है. साथ ही मथुरा की वाइल्ड लाइफ टीम से संपर्क किया है. जिन्हें घायल वन्य जीवों के इलाज में महारथ हासिल है.








