September 29, 2025 1:39 PM

खराब मौसम के कारण पीएम मोदी का हवाई सर्वेक्षण रद्द, एयरपोर्ट पर ही हुई हाईलेवल मीटिंग, जानिये क्या कुछ हुआ

देहरादून: पीएम मोदी को आज उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करना था. इसके लिए पीएम मोदी देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे. इसी बीच मौसम खराब हो गया. जिसके कारण पीएम मोदी का आपदाग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण रद्द करना पड़ा. पीएम मोदी को उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी और पौड़ी का हवाई निरीक्षण करना था. हवाई दौरा दौरा रद्द होने के बाद पीएम मोदी ने सीएम धामी से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में हुये नुकसान की जानकारी ली. साथ ही पीएम मोदी जौलीग्रांट एयरपोर्ट के स्टेट गेस्ट हाउस में आपदा प्रभावित क्षेत्र के लोगों से मुलाकात की.

इस दौरान पीएम मोदी ने आपदा पीड़ितों से बात की. जिसमें उनके हालातों को लेकर विस्तार से पीएम मोदी ने जानकारी ली. पीएम मोदी ने आपदा पीड़ितों की हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. इस दौरान सीएम धामी भी पीएम मोदी के साथ मौजूद रहे.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपदा राहत कार्यों में लगे एनडीआरएफ एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों के जवानों से भी बातचीत की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड की एसडीआरएफ की सराहना करते हुए कहा कि राज्य हर साल आपदा की मार झीलता है. ऐसे में पुलिस डिपार्टमेंट से ही एक अलग आपदा प्रबंधन विभाग की फोर्स जिस तरह से उत्तराखंड ने बनाई है वह काबिले तारीफ है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपदा पीड़ितों के साथ-साथ तमाम एजेंसियों के लोगों से बातचीत करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य सचिव आनंद वर्धन जीपी आपदा प्रबंधन विभाग से जुड़े अधिकारी और केंद्र से आई टीम के सदस्यों के साथ बैठक भी की. बताया जा रहा है की इस बैठक से जो निष्कर्ष निकलेगा उसके आधार पर ही केंद्र सरकार उत्तराखंड को आर्थिक पैकेज देने की घोषणा कर सकती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा रद्द होने के बाद आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजिट साइट पर पूरी एक फोटो गैलरी लगाई गई. जिसमें नुकसान आपदा से जूझते गांव, टूटी सड़कें, राहत और बचाव कार्य से जुड़ी जानकारी, चारधाम यात्रा मार्गों की हकीकत को फोटो के माध्यम से पीएम को दिखाई गई.मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने पीएम को आपदा से जुड़ा पूरा प्रजंटेशन दिया. इसके बाद पीएम मोदी सेना के विमान से दिल्ली के लिए रवाना हुये

उत्तराखंड में बड़ी आपदाएं आई हैं: बता दें कि इस साल उत्तराखंड के अनेक जिलों में आपदा आई है. सबसे पहले 5 अगस्त को उत्तरकाशी जिले के धराली में खीरगंगा गाड़ से आपदा आई थी. खीरगंगा में आई बाढ़ अपने साथ बड़े-बड़े बोल्डर, पेड़ और मलबा लाई थी. मलबे और बाढ़ ने धराली गांव और आसपास के इलाकों को तहस-नहस कर दिया था. मलबे के नीचे धराली बाजार के सभी होटल, दुकानें और घर दब गए थे. ये कहें कि धराली बाजार पूरी तरह नष्ट हो गया तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. अभी भी बड़ी संख्या में लापता हुए लोगों का पता नहीं चला है.

पौड़ी में आपदा से बड़ा नुकसान हुआ: 6 अगस्त को पौड़ी गढ़वाल जिले में आपदा आई थी. पौड़ी तहसील के ग्राम सैंजी, पट्टी बाली कण्डारस्यूं और ग्राम रैदुल, पट्टी पैडुलस्यूं में भारी बारिश से भूस्खलन हुआ था. इस प्राकृतिक आपदा में कई आवासीय भवन नष्ट हो गए थे. कृषि भूमि को भी भारी नुकसान हुआ था. पौड़ी आपदा में भी कई लोग लापता हुए थे, जिनका अभी तक पता नहीं चल सका है.

थराली में भी आपदा ने जन जीवन अस्तव्यस्त किया: इसके बाद 23 अगस्त को चमोली जिले के थराली में प्राकृतिक आपदा आई थी. थराली के कोटड़ीप, राड़ीबगड़, अपर बजार, कुलसारी, चेपडो, सगवाड़ा समेत अन्य हिस्सों में अतिवृष्टि और लैंडस्लाइड से काफी नुकसान हुआ था. भारी बारिश और लैंडस्लाइड के कारण एक युवती की मौत हो गई थी. एक व्यक्ति लापता हो गया था. कई दिन तक थराली में रेस्क्यू ऑपरेशन चला था. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद थराली पहुंचे थे.

बता दें उत्तराखंड में बारिश और आपदा के कारण राज्य को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है. जिसे देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने ने केंद्र से ₹5702 करोड़ के आर्थिक पैकेज की मांग की है. इसके लिए गृह मंत्रालय को मेमोरेंडम भी सौंपा गया है. जिसमें प्रदेश के आर्थिक नुकसान की पूरी रिपोर्ट है. केंद्र सरकार की एक टीम भी नुकसान का जायजा लेकर वापस लौट चुकी है. अब पीएम मोदी ने आपदाग्रस्त इलाकों के बारे में जानकारी ली है. जिसके बाद राज्य को बड़ी आर्थिक सहायता की उम्मीद है.

आपदा में नुकसान का आंकड़ा

  1. लोक निर्माण विभाग और सार्वजनिक सड़कों को 84 करोड़
  2. सिंचाई विभाग की परिसम्पत्तियों को लगभग 65 करोड़
  3. ऊर्जा विभाग को 17 करोड़
  4. स्वास्थ्य विभाग की परिसम्पत्तियों को 57 करोड़
  5. विद्यालयी शिक्षा विभाग की परिसम्पत्तियों को 28 करोड़
  6. उच्च शिक्षा विभाग की परिसम्पत्तियों को 04 करोड़
  7. मत्स्य विभाग को 55 करोड़.
  8. ग्राम्य विकास विभाग को 50 करोड़
  9. शहरी विकास को 04 करोड़
  10. पशुपालन विभाग को 06 करोड़.
  11. अन्य विभागीय परिसम्पत्तियों को 46 करोड़ का नुकसान
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