देहरादून: दिल्ली में मंगलवार को उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेताओं की पार्टी की प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक हुई है. इस बैठक में दोनों सह प्रभारी सुरेंद्र शर्मा और मनोज यादव, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सीडब्ल्यूसी सदस्य करन माहरा, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत आदि नेता शामिल हुए.
कुमारी शैलजा ने दिल्ली में ली उत्तराखंड कांग्रेस की बैठक: कांग्रेस नेताओं के अनुसार दिल्ली में आयोजित हुई बैठक में संगठन की मजबूती, आगामी रणनीतियों, राज्य की ज्वलंत समस्याओं और जनता से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत रूप से चर्चा हुई है. इसके अलावा कुमारी शैलजा ने संगठन विस्तार और दिल्ली में आयोजित होने जा रही ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ रैली की तैयारियों को लेकर भी चर्चा की है. इस रैली को सफल बनाने के लिए उत्तराखंड से बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए खाका तैयार किया गया है.
राजेंद्र भंडारी ने बैठक के बारे में बताया: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश महामंत्री संगठन राजेंद्र भंडारी ने बताया कि-
दिल्ली में होने जा रही रैली कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ देश के लिए भी महत्वपूर्ण है. इस रैली में देश भर से लाखों लोगों के जुटने की उम्मीद है. बैठक में दिल्ली के पर्यावरण सिस्टम की वजह से वाहनों को लेकर भी बातचीत की गई है. 14 तारीख को उत्तराखंड से दिल्ली में जो वाहन एंटर होने हैं, वह गाड़ियां बीएस 6 से नीचे नहीं होनी चाहिए. दिल्ली में डीजल वाहन प्रतिबंधित हैं.
–राजेंद्र भंडारी, महामंत्री, कांग्रेस प्रदेश संगठन-
दिल्ली की रैली में जाने के लिए बनी रणनीति: उत्तराखंड से विधानसभा प्रभारियों की तरफ से आई रिपोर्ट के आधार पर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता दिल्ली की रैली में शामिल होने जा रहे हैं. कांग्रेसी कार्यकर्ता दिल्ली कैसे जाएंगे और कहां-कहां पर उनके मीटिंग प्वाइंट होंगे, इन सभी व्यवस्थाओं की तैयारियों को लेकर दिल्ली में हुई बैठक में विस्तृत चर्चा की गई है.
हरक सिंह के बयान ने कांग्रेस का प्लान डिरेल किया! गौरतलब है कि 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस एक्टिव है. इसी क्रम में पार्टी प्रदेश के मुद्दों को उठा रही है. पिछले दिनों कर्नल अजय कोठियाल के धराली पर दिए गए बयान के बाद कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल धराली जाकर उसे मुद्दा बनाने की रणनीति बना रहा था. तभी देहरादून में वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत की जुबान फिसल गई. उन्होंने सिख समुदाय पर विवादित टिप्पणी कर दी. कई दिन इस टिप्पणी के डैमेज कंट्रोल पर लग गए. हरक सिंह रावत को गुरुद्वारा जाकर क्षमा याचना करने के साथ सेवा करनी पड़ी. वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी प्रायश्चित स्वरूप गुरुद्वारा में जूता सेवा की. इस कारण कांग्रेस धराली के मुद्दे को उतने जोर-शोर से नहीं उठा सकी.







