देहरादून। भारत-नेपाल सीमा पर उत्तराखंड के चंपावत जिले के बनबसा में एकीकृत जांच चौकी की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है। इसके लिए केंद्र सरकार ने भूमि बंदरगाह प्राधिकरण को बनबसा में 34 हेक्टेयर वन भूमि देने के प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगा दी है।
इस चौकी के निर्माण से पड़ोसी देश नेपाल के साथ व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही सीमा पर आवागमन को सुगम और सुरक्षा को सुदृढ करने में यह चौकी अहम भूमिका निभाएगी। वहां पुलिस, आइटीबीपी, सीबाआई समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों का एकीकृत कार्यालय भी बनेगा।
केंद्र सरकार वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के निकट व्यापार, आवागमन और सीमा सुरक्षा के लिए भूमि बंदरगाह बनाने जा रही है। इसी कड़ी में भारत-नेपाल सीमा पर चंपावत के बनबसा में एकीकृत जांच चौकी बनाने का निर्णय लिया गया है।
इसके लिए भूमि बंदरगाह प्राधिकरण ने पूर्व में जीरो प्वाइंट पर भूमि चिह्नित की थी। इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन वन भूमि का बड़ा हिस्सा इसकी जद में आने से पेच फंस रहा था। वहां कुछ पेड़ों का कटान भी होना था। यद्यपि, इसके स्थान पर नए पौधारोपण के लिए भूमि चिह्नित कर ली गई थी।
केंद्रीय वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय की उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में भी यह विषय आया था। पूर्व में समिति ने प्रथम चरण के कार्यों के लिए अनुमति दी थी। साथ ही 34 हेक्टेयर आरक्षित वन भूमि को भूमि बंदरगाह प्राधिकरण को हस्तांतरित करने पर सैद्धांतिक सहमति दी थी।
अब मंत्रालय ने इस पर अंतिम मुहर लगा दी है। इसके साथ ही बनबसा में सभी सुरक्षा बलों की एकीकृत जांच चौकी की स्थापना की राह सुगम हो गई है। इस चौकी के माध्यम से सीमा पार से आने-जाने वालों की चेकिंग के साथ ही व्यापारिक गतिविधियों में भी गति आएगी।