देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों जगंली जानवरों का आतंक है. आये दिन भालू, गुलदार के हमले की खबरें आ रही हैं. खासकर पौड़ी , रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिले में जंगली जानवरों का आतंक है. उत्तराखंड में जगंली जानवरों के आतंक का मुद्दा देश की संसद में उठाया गया. गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने आज लोकसभा में जगंली जानवरों का मुद्दा उठाया.
गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने कहा उत्तराखंड में वन्य जीवों के हमलों के कारण लगातार नागरिक अपनी जान गवां रहे हैं, घायल हो रहे हैं. ग्रामीणों का घर से निकलना , बच्चों का स्कूल जाना, महिलाओं का जंगल जाना खतरे से खाली नहीं है. इसके लिए त्वरित और कारगर रणनीति और कार्रवाई की आवश्यकता है. इसे लेकर उन्होंने लोकसभा में आवाज उठाई.
गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने आज उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों, विशेषकर गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से बढ़ रहे जंगली जानवरों के हमलों का मुद्दा गंभीरता से उठाया. गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने कहा कुछ दिनों पूर्व मैंने यह विषय केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव जी के समक्ष भी रखा था, ताकि इन बढ़ते हमलों पर तुरंत और प्रभावी कदम उठाए जा सकें.
अनिल बलूनी ने लोकसभा में बताया पिछले तीन हफ्ते में चार लोगों की मौत हो गई है. उन्होंने बताया पिछले कुछ हफ्तों में मानव वन्यजीव संघर्ष के मामलों में वृद्धि हुई है. पिछले तीन हफ्ते में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में 15 लोग घायल हुये हैं. भालू के हमले भी अचानक बढ़े हैं.आमतौर पर इन दिनों में भालू के हमले नहीं होते हैं. बच्चों को लोगों ने स्कूल भेजना बंद कर दिया है.अंधेरा होते ही पहाड़ों पर कर्फ्यू जैसे हालात हैं.
गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने उत्तराखंड वन विभाग के पीसीसीएफ से आग्रह किया है कि जंगली जानवरों के हमलों की स्थिति की नियमित समीक्षा कर प्रतिदिन की रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाये. गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने कहा जनसुरक्षा सर्वोपरि है. इस विषय पर ठोस और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए वे लगातार प्रयासरत हैं.







