देहरादून: अगर आपकी पांच लाख से अधिक सालाना इनकम है तो ऐसे राशन कार्ड धारक अपात्र की श्रेणी में आ गए है. पात्र नहीं है और उसके बाद भी राशन कार्ड बनवा कर मुफ्त का राशन लेने वालों पर विभाग अब कार्रवाई करने की तैयारी में है. फिलहाल ऐसे लोगों को एक सप्ताह का मौका दिया जा रहा है कि वह खुद अपना राशन कार्ड विभाग को सरेंडर कर दे. अगर कोई राशन कार्ड धारक एक हफ्ते में अपना राशन कार्ड सरेंडर नहीं करता है तो विभाग द्वारा ऐसे कार्ड धारकों के खिलाफ रिकवरी के साथ मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई कर सकता है.
दरअसल, सरकार की ओर से निर्धारित मानकों के आधार पर परिवारों के राशन कार्ड बनाए जाते हैं. उसके बाद भी कुछ लोग पात्रता नहीं होने के बाद भी अपना राशन कार्ड बनवा लेते हैं और मुफ्त या सस्ती दर पर राशन कार्ड पर राशन लेते रहते हैं. इससे न सिर्फ पात्र लोगों का तक राशन पहुंच पाने में मुश्किल होती है, बल्कि ऐसे सरकारी राजस्व की भी हानि होती है.
खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति विभाग की ओर से समय-समय पर सत्यापन अभियान चलाकर ऐसे पात्र लोगों के राशन कार्ड निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाती है. इसी कड़ी में विभाग की ओर से नगरीय क्षेत्रों में पूर्ति निरीक्षक, क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी और ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों द्वारा ऐसे राशन कार्डों का सत्यापन किया जा रहा है. जिले में अभियान चलाकर अभी तक 3600 से ज्यादा राशन कार्ड निरस्त किए गए हैं.
जिलापूर्ति अधिकारी केके अग्रवाल ने बताया कि भारत सरकार के निर्देश है कि राष्ट्रीय खाद्यय सुरक्षा योजना के अंतर्गत पांच साल पहले जितने भी राशन कार्ड जारी किए गए थे, उनका जांच की जाए. माना जा रहा है कि पांच साल पहले जिन परिवारों के राशन कार्ड जारी हुए थे, उनके रहन-सहन में स्तर में जरूर बदलवा हुआ होगा. ऐसे परिवार जिनकी आमदनी 15 हजार रुपए मासिक से ऊपर हो गई है और उनके पास राष्ट्रीय खाद्यय सुरक्षा योजना के तहत सफेद या गुलाबी राशन कार्ड मौजूद है, तो वो अब अपात्रता की श्रेणी में आ गए.
इस प्रकार जिनकी परिवारों की सालान इनकम पांच लाख रुपए से ज्यादा है, वो पीले राशन कार्ड यानी राज्य खाद्यय योजना की पात्रता से बाहर हो गए है. विभाग ने ऐसे कार्ड धारकों से अनुरोध किया जा रहा है कि वह अपने राशन कार्ड कार्यालय में जमा करा दे. जिलापूर्ति अधिकारी केके अग्रवाल ने कहा कि कई लोगों ने अपने कार्ड जमा भी कराए है.
जिलापूर्ति अधिकारी केके अग्रवाल ने बताया कि कुल तीन लाख 75 हजार राशनकार्ड जारी किए गए है. विभाग द्वारा तीन तरह से स्कीम चलाई जा रही है. पहली स्कीम में विभाग सत्यापन कर रहा है. सत्यापन में विभाग के इंस्पेक्टर और पंचायत सेकेट्री ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर राशनकार्ड चेक कर रहे है और अपात्र लोगों के राशनकार्ड को निरस्त कर रहे है.
दूसरी स्कीम में केवाईसी की जा रही है. प्रत्येक राशन की दुकानों में परिवार के सभी सदस्य को बुलाकर उनका केवाईसी किया जा रहा है, जोकि 30 नवंबर तक की जाएगी. अब तक करीब 4 लाख लोगों की केवाईसी की जा चुकी है. वही तीसरी स्कीम में अगर कोई अपात्र राशनकार्ड धारक अपना राशनकार्ड जमा नहीं करता है तो शिकायत मिलने पर उनसे रिकवरी या फिर मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की जा सकती है.








