देहरादून: उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. जब जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली जाते हैं तब –तब ये चर्चाये ज़ोर पकड़ती हैं । और एक बार फिर धामी के दिल्ली दौरे के दौरान इन चर्चाओं ने ज़ोर पकड़ा है। फिलहाल कैबिनेट में 5 मंत्री पद रिक्त हैं, जिन पर नियुक्ति को लेकर अब लगातार अटकलें लगाई जा रही है और कुछ विधायक ये मान कर चल रहे हैं की उन्हे जल्द ही दिवाली का तोहफा मिल सकता है लेकिन कांग्रेस भाजपा पर हमलावर है।
दीवाली के त्योहार से एन पहले एक बार फिर सीएम धामी दिल्ली दौरे पर हैं और कयास मंत्रिमंडल विस्तार के लगाए जा रहे हैं । आपको बता दें की धामी की कैबिनेट में 5 मंत्री पद खाली हैं, जिन पर नियुक्ति को लेकर लगातार अटकलें लगाई जाती रही हैं. और इन अटकलों को कभी भाजपा ने हवा दी और कभी सीएम धामी के दिल्ली दौरे ने, कहा ये भी जाता रहा है की भाजपा प्रदेश संगठन ने इस मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को सौंप रखी है. इस रिपोर्ट में संगठन और सरकार के संतुलन को ध्यान में रखते हुए संभावित नामों का भी सुझाव दिया गया है. हालांकि, अंतिम निर्णय भाजपा केंद्रीय नेतृत्व को ही लेना है. और विधायक इस निर्णय का इंतज़ार कर रहे हैं । लेकिन धामी के दिल्ली दौरे ने एक बार फिर इस मुद्दे को हवा दे दी है और मंत्री मण्डल की रेस मे चलने वाले विधायकों को दीवाली गिफ्ट की उम्मीद जग गई है । वहीं सीएम के दिल्ली दौरे के पर बीजेपी ने भी जल्द मंत्रिमंडल के विस्तार का दावा किया है।
आपको बता दें की उत्तराखंड चुनाव मे करीब डेढ़ साल का ही वक़्त है और सवाल ये है की अगर ऐसे मे नए मंत्रियों की नियुक्ति हो भी जाती है तो वो जनता के कामों पर कितना खरा उतरेंगे और इतने से वक़्त मे क्या क्या करेंगे , लिहाजा जानकारों का भी यही मानना है की अब भाजपा केंद्रीय नेत्रितव को उत्तराखंड मे मंत्री मण्डल विस्तार कर देना चाहिए ताकि चुनाव मे और ताकत के साथ पार्टी मैदान मे उतरे । जानकारी के मुताबिक देहरादून, हरिद्वार, पिथौरागढ़ और नैनीताल जिले से धामी कैबिनेट में एक-एक मंत्री को शामिल किया जा सकता है, कहा ये भी जा रहा है की पूर्व मे मंत्री रहे एक दो विधायकों को फिर दोबारा मौका मिल सकता है तो दूसरी तरफ उम्मीद ऐसे विधायकों के मंत्री बनने की भी जताई जा रही है जो कई दशकों से विधायक के तौर पर पार्टी की नाक ऊंची कर रहे हैं और लेकिन उन्हे कभी मंत्री नहीं बनाया गया । इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता की धामी कैबिनेट मे गढ़वाल और कुमाऊँ दोनों ही मंडलों के विधायकों को प्रतिनिधित्व का मौका मिलेगा लेकिन कांग्रेस अब इस विस्तार पर तंज़ कस रही है ।
सीएम के दिल्ली दौरे के दौरान मंत्रिमंडल मे विस्तार की चर्चाओं से मंत्री पद की दौड़ में शामिल विधायकों के अरमान फिर से जग गए हैं राज्य कैबिनेट में पांच पद खाली चल रहे हैं। इनमें चार पद काफी लंबे समय से खाली हैं, जबकि एक पद पूर्व संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद खाली हुआ है। भाजपा के विधायक इन पदों के जल्द भरने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन कई बार की कसरत के बावजूद अभी तक मंत्रियों के खाली पदों को भरा नहीं जा सका है। एक बार फिर दीवाली से पहले धामी के दिल्ली दौरे ने विधायकों के अरमान जगा दिये हैं । अब देखना ये होगा की पिछले दो सालों से विधायकों को उम्मीद पर रख रही बीजेपी उनकी उम्मीदों को पूरा करती है या फिर दीवाली के बाद मंत्रिमंडल विस्तार का लोलिपोप विधायकों को दे दिया जाता है ।