September 8, 2025 1:07 AM

CM धामी ने किया राजधानी दून के  घण्टाघर की ऑटोमेटिक लाइट व्यवस्था का शुभारंभ, महिला स्वयं सहायता समूहों हेतु निर्मित 04 आधुनिक हिलांस-कम-किचन आउटलेट्स का भी लोकार्पण किया

देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के ‘दिल का धड़कन’ कहे जाने वाली घंटाघर की तस्वीर बदल गई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के केंद्र बिंदु माने जाने वाले ऐतिहासिक घंटाघर के सौंदर्यीकरण, भव्य रूपांतरण और ऑटोमेटिक लाइट व्यवस्था का शुभारंभ किया. इसके साथ ही सीएम धामी ने घंटार क्षेत्र में महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए निर्मित 4 अत्याधुनिक हिलांस-कम-किचन आउटलेट्स का भी शुभारंभ किया. वहीं, तमाम बच्चों को स्कूल बैग और पुस्तक भी वितरित किए गए.

सीएम धामी ने कही ये बात: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि घंटाघर देहरादून की पहचान है. इसका नया और आकर्षक स्वरूप न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगा. बल्कि, स्थानीय नागरिकों को भी गर्व की अनुभूति कराएगा. ऑटोमेटिक लाइट व्यवस्था से यह स्थल रात में भी जगमगाता और शहर की नाइटलाइफ में भी नया रंग भरने का काम करेगा.

सीएम धामी ने कहा कि करीब डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से इस ऐतिहासिक धरोहर का पुनर्निर्माण कर इसे एक भव्य और आधुनिक स्वरूप दिया किया गया है. उन्हें पूरा विश्वास है कि इस धरोहर का नया स्वरूप न केवल देहरादून की शोभा बढ़ाएगा. बल्कि, ये हमारी शीतकालीन राजधानी में आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी होगा.

हिलांस कैंटीनों का लोकार्पण: उन्होंने कहा कि देहरादून में चार स्थानों पर हिलांस कैंटीनों का लोकार्पण भी किया गया है. ये कैंटीन कलेक्ट्रेटकोरोनेशन अस्पतालगुच्चुपानी और आईएसबीटी में स्थापित की गई है. ये कैंटीनें न केवल आम लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराएंगी. बल्कि, हमारे स्वयं सहायता समूहों की बहनों को स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी सशक्त बनाएंगी.

बाल भिक्षावृत्ति निवारण के लिए उठाए जा रहे कदम: वहीं, कार्यक्रम के दौरान सीएम धामी ने कहा कि देहरादून में बाल भिक्षावृत्ति निवारण के लिए भी एक तमाम प्रयास किया जा रहा है. जिसके जरिए बालक-बालिकाओं को भिक्षा की दलदल से निकालकर शिक्षा के अधिकार से जोड़ा जाएगा. इस कार्यक्रम के तहत 3 रेस्क्यू वाहनों के साथ अंतरविभागीय टीम गठित की गई है.

पहले चरण में 51 बच्चों को रेस्क्यू: होमगार्ड, चाइल्ड हेल्पलाइन, शिक्षा विभाग, श्रम विभाग, पुलिस विभाग और कई गैर सरकारी संस्थाओं को भी इस टीम में शामिल किया गया है. इस टीम ने पहले चरण में 51 बच्चों को रेस्क्यू कराकर तमाम स्कूलों में डाला जा चुका है. दूसरे चरण में 31 बच्चों को राजकीय प्राथमिक विद्यालय परेड ग्राउंड और साधूराम इंटर कॉलेज में दाखिला दिलाया गया है.

साधूराम इंटर कॉलेज में इंटेसिव केयर सेंटर का निर्माण: सीएम पुष्कर धामी ने कहा कि रेस्क्यू किए बच्चों के लिए डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से साधूराम इंटर कॉलेज में इंटेसिव केयर सेंटर का निर्माण भी करा रहे हैं. सरकार अपने इस प्रयास को तब तक जारी रखेंगे, जब तक हर बच्चा स्कूल नहीं जाने लगता.

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