देहरादून: पूर्व सीएम व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने एक बार फिर धामी सरकार को घेरा है. हरीश रावत ने उपनल (UPNL) जवानों और युवाओं को सरकार द्वारा वेतन, सुरक्षा, सम्मान देने को लेकर आवाज उठाई है. उन्होंने इन कर्मियों को नियमितिकरण करने की मांग की, कहा कि जो इन कर्मचारियों का हक भी है. उन्होंने सरकार को चेताया कि अगर मांग पूरी नहीं होती है तो आवाज अब फाइलों से नहीं, सड़कों से उठेगी.
गौर हो कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उपनल कर्मियों के वेतन का मामला उठाते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर निशाना साधा है. हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा कि विज्ञापनों में आपके चमकते चेहरों को देखकर बड़ा अच्छा लगता है, उतना ही प्रदेश के हजारों जवानों युवाओं के बुझे हुए और सुस्त चेहरों को देखकर बड़ी तकलीफ होती है. उन्होंने कहा कि युवाओं और जवानों के कल्याण के लिए बनाया गया उपनल हमारे सम्मान का प्रतीक नहीं बल्कि ठेकेदारी का प्रतीक बनकर रह गई है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा कि उपनल में जॉब 38 हजार की है, लेकिन उनका वेतन 12 हजार रुपए दिया जा रहा है, उन्होंने सवाल उठाया कि बाकी पैसा आखिर कहां जा रहा है? लेकिन लोग अब वेतन के अलावा अपनी पहचान और काम की सुरक्षा चाहते हैं. हरीश रावत ने कहा कि सरकार जवान के सम्मान की बात करती है, लेकिन यह जवान का कैसा सम्मान हो रहा है. कई वर्षों से उपनल के माध्यम से काम कर रहे कर्मचारियों का नियमितीकरण अब तक नहीं हो पाया है, यह अपने आप में सरकार के लिए बड़ा प्रश्न चिन्ह है.
सरकार इस मामले को किसी न किसी बहाने टालने में लगी हुई है. उपनल और इस संस्था के माध्यम से काम करने वाले लोगों के बीच में ठेकेदार कहां से आ गए. सरकार को इन ठेकेदारों को बाहर कर देना चाहिए और पारदर्शी भर्ती सिस्टम बनाना चाहिए, जो मेहनताना उपनल के जवानों का बनता है, उसका भुगतान उन्हें किया जाना चाहिए. हरीश रावत ने कहा कि आज लोग नौकरी नहीं मांग रहे हैं, वो अपना अधिकार मांग रहे हैं. यदि सरकार उन्हें यह सम्मान नहीं देगी तो फिर यह आवाज सड़कों पर उठेगी और सड़कों पर उठने वाली आवाज की गूंज बहुत तीव्र होगी.








