December 9, 2025 7:03 PM

नर्सिंग मार्च: थप्पड़ कांड के बाद कांग्रेस में उबाल, एकता मंच के साथ पुलिस मुख्यालय घेरने की कोशिश, जमकर नोकझोंक

देहरादून: महिला नर्सिंग कर्मी पर महिला पुलिसकर्मी के थप्पड़ जड़ने के विरोध में मंगलवार को महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं और नर्सिंग एकता मंच ने पुलिस मुख्यालय घेराव का निर्णय लिया. प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया.

ये है मामला: दरअसल, सोमवार 8 दिसंबर को बेरोजगार नर्सिंग कर्मी, नर्सिंग भर्ती प्रक्रिया को पूर्व की तरह वर्षवार किए जाने समेत अन्य मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच कर रहे थे. न्यू कैंट रोड स्थित साला वाला के निकट बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इस दौरान एक महिला कॉन्स्टेबल ने एक महिला नर्सिंग कर्मी को थप्पड़ जद दिया. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ. इसके खिलाफ आज महिला कांग्रेस और नर्सिंग एकता मंच ने पुलिस मुख्यालय का घेराव का निर्णय लिया.

पुलिस के साथ धक्का मुक्की: वहीं घेराव करने जा रहे प्रदर्शनकारियों को भारी पुलिस बल ने सुभाष रोड पर मुख्यालय से पहले बेरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. आगे बढ़ने पर पुलिस के साथ प्रदर्शनकरियों की धक्का मुक्की हुई. इतने में महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला, प्रदेश उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने बैरिकेडिंग पर चढ़कर नारेबाजी करते हुए राज्य सरकार का पुतला दहन किया. काफी देर हंगामा होने के बाद पुलिस ने नर्सिंग एकता मंच से जुड़े अभ्यार्थियों और कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं को बसों में बैठाकर एकता विहार धरना स्थल छोड़ दिया.

ज्योति रौतेला ने कहा कि, भाजपा सरकार ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा देती है. दूसरी तरफ कल प्रदर्शनकारी महिला नर्सिंग अभ्यर्थी को महिला पुलिसकर्मी ने थप्पड़ मार दिया. भाजपा सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है. कहीं ना कहीं सरकार के शह पर पुलिस ने एक महिला के साथ मारपीट की है. उन्होंने सरकार को चेताया कि अगर प्रदेश के किसी भी बेटी के साथ इस तरह की अभद्रता की जाती है तो कांग्रेस की महिलाओं को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

नर्सिंग एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष नवल पुंडीर का कहना है कि, पिछले लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है. लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है. उन्होंने वर्तमान नर्सिंग भर्ती विज्ञप्ति को तत्काल निरस्त करने, पूर्व की भांति भर्ती प्रक्रिया वर्षवार किए जाने, भर्ती प्रक्रिया में उत्तराखंड मूल के निवासियों को प्राथमिकता देने और आयु सीमा पार कर चुके योग्य अभ्यर्थियों को आयु में छूट दिए जाने की मांग उठाई है.

उन्होंने कहा कि, कोरोना काल के दौरान जान की परवाह न करते हुए परिवार के बगैर उन्होंने मरीजों की सेवा की. उन पर फूल भी बरसाए. लेकिन सरकार अब उनकी मांगों को पूरा करने में आनाकानी कर रही है. नर्सिंग एकता मंच ने सोमवार को बेरोजगार महिला अभ्यर्थी के साथ हुए दुर्व्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा भी की.

Related Posts