देहरादून: रानीखेत निर्माण खंड में सड़क निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और निरीक्षण को लेकर सामने आई गंभीर अनियमितताओं पर उत्तराखंड शासन ने बड़ी कार्रवाई की है. शासन ने दो अभियंताओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. निलंबित अधिकारियों में प्रभारी अधिशासी अभियंता विजेंद्र सिंह मेहरा और सहायक अभियंता केके पांडेय शामिल हैं. दोनों अधिकारी लोक निर्माण विभाग के रानीखेत निर्माण खंड में तैनात थे और विभिन्न सड़क मार्गों के निर्माण एवं निरीक्षण कार्यों की प्रत्यक्ष जिम्मेदारी इनके पास थी.
शासन को प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार पंतगांव–चमडखान–सिमलधार–सैलापानी जिसकी लंबाई 9.45 किलोमीटर है, इसके अलावा 32.50 किलोमीटर वाले भिकियासैंण–बैल्टी–विनायक मोटर मार्ग और दूसरे सड़क मार्गों पर किए जा रहे निर्माण और मरम्मत कार्यों के पुनरीक्षण में गंभीर लापरवाही बरती गई.यह पाया गया कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर ध्यान देने के बजाय निरीक्षण रिपोर्ट बिना उचित परीक्षण और सत्यापन के प्रस्तुत की गई. विभागीय स्तर पर हुई तथ्य-जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि निर्माण योजनाओं की प्रगति और तकनीकी पहलुओं की समीक्षा में अनियमितताएं थी, जिनसे निर्माण की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती थी.
रिपोर्ट के आधार पर शासन ने माना कि दोनों अभियंताओं द्वारा की गई लापरवाही न केवल विभागीय कार्यप्रणाली के विपरीत है, बल्कि इससे सार्वजनिक धन का दुरुपयोग और निर्माण की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका भी बनती है. इसी को गंभीर मानते हुए उत्तराखंड सरकार ने तत्काल निलंबन की कार्रवाई लागू की है. निलंबन अवधि के दौरान दोनों अधिकारी किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार या निजी कार्य में संलग्न नहीं रह सकेंगे. उनकी सेवाएं अब मुख्य अभियंता कार्यालय से संबद्ध रहेंगी और आगे की विभागीय जांच वहीं से संचालित की जाएगी.
लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज कुमार पांडे का कहना है कि निर्माण कार्यों में लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी और भविष्य में भी ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी. लोक निर्माण विभाग अब संबंधित मार्गों के कार्यों की दोबारा समीक्षा करेगा, ताकि निर्माण गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके.इस कार्रवाई को विभागीय जिम्मेदारियों में शुचिता और पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि इसके अलावा कुछ और लोगों पर भी निलंबन की कार्रवाई की बात सामने आ रही है. यानी इस मामले में शासन से लेकर लोक निर्माण विभाग मुख्यालय स्तर पर भी कार्रवाई की जा रही है.




