July 15, 2025 3:27 AM

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मनोरे मियां के निधन से शोक की लहर, भारी तादाद में कांग्रेसियों ने पहुंचकर दी अंतिम विदाई, हर किसी के दुःख तकलीफ़ में साथ हो लेते थे नेता जी…

अराफात सैफ़ी की रिपोर्ट

नजीबाबाद: नजीबाबाद के मौहल्ला नवाबपुरा/पाईबाग निवासी वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कांग्रेस के विभिन्न पदों पर रहे शरीफ़ अहमद उर्फ मनोरे मियां अंसारी का बिमारी के चलते निधन हो गया है, वो 75 वर्ष के थे। निधन का समाचार फैलते ही शहर में शोक की लहर दौड़ गई। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी ख़बर लगते ही जिलेभर के नेता मरहूम को देखने पहुंचे। कांग्रेस नेताओं, सामाजिक, राजनीतिक, अधिवक्ताओं, डॉक्टरों, पत्रकारों ने उनके निवास पर पहुंचकर रंजोगम का इजहार किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलाउद्दीन सैफी, रईस कुरैशी, प्रदेश सचिव अनीस विशाल अंसारी, अभिनव अग्रवाल एडवोकेट, रिहान अंसारी, अमजद सिद्दीकी, नदीम फारूकी, समीउर्रहमान मुल्तानी, शराफ़त चौधरी, वसीम अख्तर, नईमुल अख्तर, हिफजुर्रहमान फरीदी, विश्वमोहन, शहबाज मुल्तानी आदि बड़ी संख्या में कांग्रेसियों ने मनोरे नेता के निवास पर पहुंचकर दुख व्यक्त किया और पार्टी के लिए एक बड़ा नुकसान बताया।
सुपुर्दे खाक से पहले देर शाम कांग्रेस की पूर्व जिला महासचिव श्रीमती दयावती, पूर्व नगर अध्यक्ष शजर तय्यब, सुलेमान खान, खालिक हुसैन, जसविंदर सिंह, शक्ति रॉय, व्यापार प्रकोष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष नवेद फरीदी, फैज अहमद, फैसल, अरबाज दुर्रानी, भूपेंद सिंह, खालिद हुसैन, मुदस्सर खान, सुचित्रा देवी, राहुल कुमार, यास्मीन बेगम आदि कांग्रेसियों ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता शरीफ अहमद उर्फ मनोरे नेता के निधन पर शोक व्यक्त किया और स्वर्गीय नेता जी के पार्थिव शरीर पर कांग्रेस झंडा डालते हुए अंतिम विदाई दी । शहरभर के वरिष्ठ नेताओं और मुअज़्ज़िज लोगों ने उनके लिए दुआएं कि और उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किए। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने फोन पर कांग्रेसियों से बात की और मनोरे नेता के निधन पर दुख व्यक्त किया। बाद नमाजे ईशा मनोरे मियां को उनके पैतृक कब्रिस्तान में सुपुर्देखाक किया गया। उनके जनाजे में बड़ी संख्या में लोगो ने शिरकत की।

सरल और मददगार स्वभाव के थे नेता मनोरे मियां

मनोरे नेता को शहर भर जनता था वो निस्वार्थ होकर लोगों की मदद करते थे। शहर के निवासी तारिक़ अंसारी (राज्य मान्यता प्राप्त पत्रकार) बताते हैं की साल 2003 में जब वो 6th क्लास में थे तो उनके हाथ मे फ्रैक्चर हो गया था उनके वालिद साहब बाहर सर्विस करते थे तो मनोरे नेता ने खुद खड़े होकर उनके हाथ पर प्लास्टर चढ़वाया था । शहर में ऐसे ही न जाने कितने लोगों ने मनोरे मियां को उनकी मदद के वास्ते याद किया और उनकी मग़फ़िरत की दुआएं की। आपको बता दें कि मनोरे नेता निःस्वार्थ होकर लोगों की मदद करते थे चाहे स्कूल में दाखिला कराना हो या फिर किसी गरीब की शादी में मदद कराना मनोरे नेता ने अपनी बात के चलते न जाने कितने ही लोगों को इलाज में भी मदद की। शहर के वरिष्ठ लोगों और नेताओं से मनोरे मियां के बहुत अच्छे ताल्लुकात थे जिसकी बदौलत वो हर वक़्त गरीबों की मदद के लिये आगे आते थे।

ss
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