देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों पंचायत चुनाव की चर्चाएं आम हैं.पंचायती राज एक्ट संशोधन अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद अब कभी भी चुनाव की घोषणा हो सकती है. उससे पहले पंचायत चुनाव में कैंडिडेट्स की अधिकतम खर्च सीमा में वृद्धि की गई है.
इसके लिए सदस्य ग्राम पंचायत पद के लिए अधिकतम व्यय सीमा 10 हज़ार रुपए रखी गई है. उपप्रधान ग्राम पंचायत पद के लिए 15 हज़ार, प्रधान ग्राम पंचायत पद के लिए अधिकतम व्यय सीमा को 50 हज़ार से बढ़ाकर 75 हज़ार की गई है. सदस्य क्षेत्र पंचायत पद के लिए अधिकतम व्यय सीमा को 50 हज़ार से बढ़ाकर 75 हज़ार की गई है. सदस्य जिला पंचायत पद के लिए अधिकतम व्यय सीमा को एक लाख 40 हज़ार से बढ़ाकर दो लाख की गई. कनिष्ठ उपप्रमुख पद के लिए अधिकतम व्यय सीमा को 50 हज़ार से बढ़ाकर 75 हज़ार किया गया. ज्येष्ठ उपप्रमुख पद के लिए अधिकतम व्यय सीमा को 60 हज़ार से बढ़ाकर एक लाख किया गया. प्रमुख क्षेत्र पंचायत पद के लिए अधिकतम व्यय सीमा को एक लाख 40 हज़ार से बढ़ाकर 2 लाख किया गया. उपाध्यक्ष जिला पंचायत पद के लिए अधिकतम व्यय सीमा को ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख किया गया. अध्यक्ष जिला पंचायत पद के लिए अधिकतम व्यय सीमा को साढ़े तीन लाख से बढ़ाकर चार लाख किया गया.
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल ने बताया साल 2019 में हुए पंचायत चुनाव के सापेक्ष आगामी प्रस्तावित पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों के चुनावी खर्च की सीमा में वृद्धि की है. हालांकि, सदस्य ग्राम पंचायत और उपप्रधान ग्राम पंचायत के लिए निर्धारित अधिकतम व्यय सीमा में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. इसके अलावा, प्रधान ग्राम पंचायत, सदस्य क्षेत्र पंचायत, सदस्य जिला पंचायत, कनिष्ठ उपप्रमुख, ज्येष्ठ उपप्रमुख, प्रमुख क्षेत्र पंचायत, उपाध्यक्ष जिला पंचायत, अध्यक्ष जिला पंचायत के लिए निर्धारित अधिकतम व्यय सीमा में साल 2019 के मुकाबले आगामी पंचायत चुनाव के मद्देनजर वृद्धि की गई है.