September 10, 2024 5:30 AM

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UP: यहाँ जारी है आदमखोर भेड़ियों का आतंक, देर रात ढाई साल की बच्ची को मार डाला, अबतक 9 लोगों की मौत

बहराइच: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के 35 गांवों के लोग आदमखोर भेड़ियों के खौफ में रह रहे हैं. इन गांवों में लोग रात-रात भर जागकर घरों की रखवाली कर रहे हैं. वन विभाग ने चार भेड़ियों को पकड़ लिया है, लेकिन अब भी दो भेड़ियों ने आतंक मचा रखा है. रविवार की रात भेड़िये के हमले में एक ढाई साल की बच्ची की मौत हो गई. इससे पहले भेड़ियों ने एक बच्चा, एक महिला और बुजुर्ग पर हमला कर घायल कर दिया था. बहराइच में खूंखार भेड़िये 8 बच्चों समेत नौ लोगों की जान ले चुके हैं.

रविवार रात भेड़िये ने गरेठी गुरुदत्त सिंह गांव में हमला किया था, जिसमें ढाई साल की एक बच्ची को निशाना बनाया था. बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके अलावा कोटिया गांव में 65 साल की एक बुजुर्ग महिला अंचाला पर हमला किया था. भेड़िये ने ये दोनों हमले हरदी थाना इलाके में ही किए थे. यह लगातार दूसरी रात थी, जिसमें भेड़ियों ने लगातार हमला किया.

वन विभाग की 25 टीमें भेड़ियों को पकड़ने में जुटीं

बहराइच में इन आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने के लिए 5 वन प्रभागों बहराइच, कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ, श्रावस्ती, गोंडा और बाराबंकी की लगभग 25 टीमें लगी हुई हैं. अब इन आदमखोरों ने अपना दायरा जिले के अन्य क्षेत्रों तक बढ़ा लिया है. बहराइच के डीएफओ इन भेड़ियों की संख्या कुल छह बता रहे हैं. अबतक चार भेड़ियों को पकड़ा जा चुका है और प्रशासन अब दो और भेड़ियों की तलाश में है. हालांकि प्रभावित इलाकों के ग्रामीण इनकी संख्या दो दर्जन बता रहे हैं.

डेढ़ महीने पहले शुरू हुआ था भेड़ियों का आतंक 

भेड़ियों के आतंक की शुरुआत औराही गांव से हुई थी. यहां भेड़ियों ने पहला अटैक 7-7 साल के दो बच्चों पर किया था. फिरोज नाम के बच्चे पर करीब डेढ़ महीने पहले भेड़ियों के झुंड ने हमला किया था. बच्चा अपनी मां के साथ सोया था, तभी रात करीब 12 बजे भेड़िया घर के बरामदे में घुसा और बच्चे की गर्दन दबोचकर भाग गया. इस दौरान उसकी मां बच्चे को बचाने की कोशिश करती रही. भेड़िया बच्चे को करीब 200 मीटर दूर तक खेत में घसीटकर ले गया. जब मां ने शोर मचाया तो गांव के लोग जुटे.फिर भेड़िया बच्चे को गांव के पास खेत में छोड़कर भाग गया. लहूलुहान बच्चे को परिवार और गांव के लोग अस्पताल ले गए, जहां 13 दिन तक इलाज के बाद बच्चे की जान बची. उसके चेहरे, गर्दन, सिर, कान, पीठ और छाती पर निशान हैं.

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