October 14, 2024 12:19 AM

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सपने में आए भोलेनाथ… नौकरी छोड़कर 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन को पैदल निकला UP का युवक…

सिद्धार्थनगर: भगवान के आपने कई भक्त देखे होंगे, लेकिन भगवान भोलेनाथ का ऐसा भक्त आपने नहीं देखा होगा. कमाल का है भोलेनाथ का यह भक्त. सपने में आए भगवान भोलेनाथ, तो 12 ज्योतिर्लिंग की पैदल यात्रा पर निकल पड़ा यह भक्त. भगवान के प्रति ऐसी श्रद्धा जगी कि भगवान के दर्शन के लिए नौकरी छोड़ दी.

यह कहानी है उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर के रहने वाले मनीष राजभर की. वह भगवान भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंग की यात्रा पर पैदल निकला है. एक महीने चार दिनों की पैदल यात्रा के बाद जमुई पहुंचे मनीष राजभर का श्रद्धालुओं ने भव्य स्वागत किया.

महिला हो या बच्चे या फिर बुजुर्ग सभी ने मनीष की आरती उतारी और उन पर की फूलों की वर्षा की. कई लोगों ने तो उनके पैर तक छुए. मनीष के जमुई पहुंचते ही जय राम और भारत माता की जय के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा.

पुणे में नौकरी करता था मनीष, छोड़ दी 

इस दौरान ‘आजतक’ ने मनीष राजभर से खास बातचीत की. मनीष ने बताया कि महाराष्ट्र के पुणे में वह एक कंपनी में नौकरी करता था. दिवाली के वक्त वह अपने दोस्तों के साथ भगवान भोलेनाथ के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक भीमाशंकर महादेव मंदिर में दर्शन करने के लिए गया था.

इस दौरान उन्हें भगवान भोलेनाथ में ऐसी आसक्ति हो गई कि अब उनके कण-कण में भगवान भोलेनाथ ही निवास करने लगे हैं. मनीष ने बताया एक दिन उसे सपने में भगवान भोलेनाथ ने दर्शन दिए. इसके बाद उसने नौकरी छोड़ दी.

3 साल में पूरी होगी ज्योतिर्लिंगों की यात्रा 

वह भगवान भोलेनाथ के 18 जनवरी को अपने घर से 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शनों के साथ ही रास्ते में पड़ने वाले सभी बड़े मंदिरों के दर्शन के लिए निकल पड़ा है. मनीष के अनुसार, करीब तीन साल में 12 ज्योतिर्लिंग की यात्रा वह पूरी कर पाएगा. मनीष ने कहा कि बिना कष्ट के भगवान के दर्शन नहीं होते हैं. वह रोजाना 30 से 50 किलोमीटर तक का सफर पैदल चलकर पूरा करते हैं.

मनीष ने कहा कि हमें तो भोलेनाथ के धाम के रास्ते भी नहीं पता थे. मगर, अब वही रास्ता दिखा रहे हैं, उसी रास्ते पर चल रहे हैं. रास्ते में कहीं खाने को भी मिल जाता है, कभी-कभी नहीं भी मिलता है. एक महीने 4 दिन की इस यात्रा में करीब 10 दिन ही खाने को मिला होगा.

रात को भोलेनाथ या माता के किसी भी मंदिर में सो जाते हैं. धन पाने की कामना हो, तो भगवान जल्दी सुन लेते हैं. देवघर में वैसे भी भोलेबाबा जल्दी सुनते हैं. मगर, मेरी यह यात्रा धन की इच्छा से नहीं है. मैं भगवान को पाना चाहता हूं. देश के कुशल मंगल की कामना है.

अभी तक इन जगहों के दर्शन कर चुका मनीष

मनीष ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले अपने घर से अयोध्या का सफर किया. वहां रामलला के दर्शन के बाद काशी में विश्वनाथ बाबा के दर्शन किए. इसके बाद बिहार के सासाराम पहुंच गए. वहां मां तारा चंडी के दर्शन के बाद गया के विष्णुपद गए. वहां से दर्शन करके सुल्तानपुर की तरफ जा रहे हैं. वहां से जल भरकर देवघर की तरफ जाएंगे. उन्होंने पीएम मोदी की भी जमकर तारीफ की और कहा कि पीएम मोदी के कार्यकाल में सनातन धर्म की रक्षा हो रही है.

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