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देहरादून: उत्तर प्रदेश आवास विकास की कॉलोनियों में अवैध निर्माण पर कार्रवाई कर सकेगा एमडीडीए

अनिल चन्दोला, अमर उजाला, देहरादून
Published by: अलका त्यागी
Updated Fri, 27 Aug 2021 12:27 PM IST

सार

अलग उत्तराखंड राज्य बनने के दौरान यूपी आवास विकास की कई कॉलोनियां दून में थी, जिनका नियंत्रण आवास विकास परिषद के पास था। इसमें मुख्य तौर पर नेहरू कॉलोनी, इंदिरा नगर, दून विहार जाखन और वीरभद्र मार्ग ऋषिकेश शामिल हैं।

एमडीडीए
– फोटो : प्रतीकात्मक तस्वीर

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उत्तर प्रदेश आवास विकास की कॉलोनियों में अवैध निर्माण के खिलाफ अब एमडीडीए कार्रवाई कर सकेगा। आवास एवं विकास परिषद की ओर से आयुक्त आवास ने एमडीडीए सचिव को कार्रवाई का अधिकार दिया है। अब तक परिषद खुद ही ऐसे मामलों में कार्रवाई के लिए अधिकृत थी। इससे चार कॉलोनियों के हजारों लोगों पर असर पड़ेगा। 

अलग उत्तराखंड राज्य बनने के दौरान यूपी आवास विकास की कई कॉलोनियां दून में थी, जिनका नियंत्रण आवास विकास परिषद के पास था। इसमें मुख्य तौर पर नेहरू कॉलोनी, इंदिरा नगर, दून विहार जाखन और वीरभद्र मार्ग ऋषिकेश शामिल हैं। बाद में उत्तराखंड आवास एवं विकास परिषद को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी गई।

हालांकि, स्टाफ कम होने और तकनीकी दक्षता न होने के कारण परिषद अवैध निर्माण के मामलों में कार्रवाई नहीं कर पाई। इसका नतीजा यह हुआ है कि ज्यादातर जमीनों पर लोगों ने कब्जा कर अवैध निर्माण कर लिए। इसको देखते हुए परिषद ने अब एमडीडीए सचिव को अवैध निर्माण की तीन धाराओं में कार्रवाई का अधिकार दिया है। हालांकि, प्राधिकरण को अतिक्रमण हटाने का अधिकार नहीं दिया गया है। 

सड़कों पर तक कर लिए निर्माण
आवास विकास की कॉलोनियों में सीधे तौर पर मॉनिटरिंग न होने के कारण बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हुआ है। आलम यह है कि लोगों ने सड़क को घेरकर तक निर्माण कर लिए हैं। नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में लोगों ने आवासीय परियोजना के तरह आवंटित फ्लैट में अतिरिक्त कमरों तक का निर्माण कर लिया। यही हाल अन्य कॉलोनियों का भी है। 

दून में एमडीडीए की नाक के नीचे हो रहा अवैध निर्माण
परिषद ने एमडीडीए को आवास विकास क्षेत्रों में कार्रवाई का अधिकार दिया है। जबकि, एमडीडीए और दून घाटी विशेष क्षेत्र प्राधिकरण (साडा) का क्षेत्र पहले से एमडीडीए के पास है। प्राधिकरण की नाक के नीचे यहां खुलेआम अवैध निर्माण हो रहा है। अधिकारी इस पर रोक लगाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुए हैं। ऐसे में अब नए क्षेत्र की जिम्मेदारी मिल जाने के बाद वहां कितनी कार्रवाई हो सकेगी, कहना मुश्किल है। 

परिषद की ओर सचिव एमडीडीए को कार्रवाई के लिए अधिकृत किया गया है। इस दौरान इन कॉलोनियों में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हुआ है। लगातार प्राधिकरण के पास इस तरह की शिकायतें आती रही हैं। हालांकि, अब तक हमें कार्रवाई का अधिकार नहीं था। अब प्राधिकरण के जेई, एई और सुपरवाइजर अवैध निर्माण को चिह्नित करेंगे, जिसके बाद उनको हटाने की कार्रवाई की जाएगी। 
– हरबीर सिंह, सचिव, एमडीडीए

विस्तार

उत्तर प्रदेश आवास विकास की कॉलोनियों में अवैध निर्माण के खिलाफ अब एमडीडीए कार्रवाई कर सकेगा। आवास एवं विकास परिषद की ओर से आयुक्त आवास ने एमडीडीए सचिव को कार्रवाई का अधिकार दिया है। अब तक परिषद खुद ही ऐसे मामलों में कार्रवाई के लिए अधिकृत थी। इससे चार कॉलोनियों के हजारों लोगों पर असर पड़ेगा। 

अलग उत्तराखंड राज्य बनने के दौरान यूपी आवास विकास की कई कॉलोनियां दून में थी, जिनका नियंत्रण आवास विकास परिषद के पास था। इसमें मुख्य तौर पर नेहरू कॉलोनी, इंदिरा नगर, दून विहार जाखन और वीरभद्र मार्ग ऋषिकेश शामिल हैं। बाद में उत्तराखंड आवास एवं विकास परिषद को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी गई।

हालांकि, स्टाफ कम होने और तकनीकी दक्षता न होने के कारण परिषद अवैध निर्माण के मामलों में कार्रवाई नहीं कर पाई। इसका नतीजा यह हुआ है कि ज्यादातर जमीनों पर लोगों ने कब्जा कर अवैध निर्माण कर लिए। इसको देखते हुए परिषद ने अब एमडीडीए सचिव को अवैध निर्माण की तीन धाराओं में कार्रवाई का अधिकार दिया है। हालांकि, प्राधिकरण को अतिक्रमण हटाने का अधिकार नहीं दिया गया है। 

सड़कों पर तक कर लिए निर्माण

आवास विकास की कॉलोनियों में सीधे तौर पर मॉनिटरिंग न होने के कारण बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हुआ है। आलम यह है कि लोगों ने सड़क को घेरकर तक निर्माण कर लिए हैं। नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में लोगों ने आवासीय परियोजना के तरह आवंटित फ्लैट में अतिरिक्त कमरों तक का निर्माण कर लिया। यही हाल अन्य कॉलोनियों का भी है। 

दून में एमडीडीए की नाक के नीचे हो रहा अवैध निर्माण

परिषद ने एमडीडीए को आवास विकास क्षेत्रों में कार्रवाई का अधिकार दिया है। जबकि, एमडीडीए और दून घाटी विशेष क्षेत्र प्राधिकरण (साडा) का क्षेत्र पहले से एमडीडीए के पास है। प्राधिकरण की नाक के नीचे यहां खुलेआम अवैध निर्माण हो रहा है। अधिकारी इस पर रोक लगाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुए हैं। ऐसे में अब नए क्षेत्र की जिम्मेदारी मिल जाने के बाद वहां कितनी कार्रवाई हो सकेगी, कहना मुश्किल है। 

परिषद की ओर सचिव एमडीडीए को कार्रवाई के लिए अधिकृत किया गया है। इस दौरान इन कॉलोनियों में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हुआ है। लगातार प्राधिकरण के पास इस तरह की शिकायतें आती रही हैं। हालांकि, अब तक हमें कार्रवाई का अधिकार नहीं था। अब प्राधिकरण के जेई, एई और सुपरवाइजर अवैध निर्माण को चिह्नित करेंगे, जिसके बाद उनको हटाने की कार्रवाई की जाएगी। 

– हरबीर सिंह, सचिव, एमडीडीए

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