March 29, 2024 2:18 PM

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इस मेंढक को हाथ में उठाया तो समझो मौत को गले लगाया, 1 मिनट में ले सकता है 5 लोगों की जान, छूने से फैलता है जहर…

न्यूज़ डेस्क :धरती पर कई सारे खूबसूरत जीव पाए जाते हैं जिनमें से कुछ जीव लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। दुनिया में मिलने वाले इन जीवों की अपनी एक खासियत होती है। इन खूबसूरत दिखने वाले जीवों में कई बेहद जहरीले होते हैं जबकि कुछ बिल्कुल सामान्य होते हैं। धरती पर कई ऐसे जीव पाए जाते हैं जिन्हें देखकर लगता है कि दूसरे ग्रह से आए हों। जहरीले जीवों से हर कोई खौफ खाता है और दूर रहने की कोशिश करता है। आज हम आपको एक ऐसे ही मेंढक के बारे में बताएंगे जो बेहद जहरीला होता है। यह मेंढक तीन मिनट में 10 लोगों की जान ले सकता है। यही नहीं इसको छूने से ही जहर फैल जाता है। इस जहरीले मेंढक का नाम गोल्डन पॉइजन फ्रॉग है जो करीब दो इंच का होता है। आइए जानते हैं दुनिया के इस सबसे खतरनाक और जहरीले मेंढक के बारे में…

नेशनल जियोग्राफिक (National Geographic) के मुताबिक ये मेंढक जहरीला क्यों है, इसके बारे में सटीक जानकारी नहीं है। लेकिन माना जाता है कि इसका जहर पौधों और जहरीले कीड़ों से आता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जो मेंढक इस तरह की जगहों से अलग पलते हैं, उनमें जहर नहीं पाया जाता है। ये मेंढक इतना जहरीला होता है कि इसे छूने भर से मौत हो सकती है। चिकित्सा अनुसंधान से जुड़े लोग इस मेंढक के मेडिकल इस्तेमाल को खोज रहे हैं। उनका मानना है कि ये मेंढक दवाओं को बनाने में काम आ सकता है। वैज्ञानिक इसके जरिए एक शक्तिशाली पेन किलर बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

जहरीले मेंढक की 100 प्रजातियां है
इन चटकदार मेंढकों की 100 से ज्यादा प्रजातियां हैं। इनकी लंबाई औसतन एक इंच से ज्यादा होती है। ज्यादातर मेंढक की प्रजातिया कोलंबिया के प्रशांत तट पर वर्षा वन के एक छोटे से भूखंड के भीतर रहती हैं। छोटे से इलाकों में ही इन मेंढकों की प्रचुर मात्रा है। हालांकि रेनफॉरेस्ट की बर्बादी के साथ ही इन मेंढकों के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है।

हाथ में उठाया तो मौत को लगाया गले
इन मेंढकों का रंग पीला, नारंगी या हल्के हरे रंग का हो सकता है। अलग अलग जगहों के हिसाब से इनका रंग हो सकता है। ये मेंढक शिकारियों को दूर करने के लिए ऐसा करते हैं। इनके आहार का बात करें तो ये मक्खियां, क्रिकेट, चीटियां, और दीमक को खाते हैं। मेंढकों का शरीर भी जहरीला होता है। किसी भी तरह का खतरा महसूस होने पर स्किन से जहर निकलने लगता है। अगर जहर सीधे इंसानी स्किन पर लग जाए तो असर शुरू हो जाता है। नब्ज सिकुड़ने लगती है और कुछ समय बाद इंसान की मौत हो सकती है।

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