नई दिल्ली: सोशल मीडिया कंपनियां अब कंटेंट (सामग्री) के नियमन के नाम पर मनमानी नहीं कर पाएंगी। भारत सरकार ने इसके लिए नई व्यवस्था का खाका तैयार कर दिया है। इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रद्योगिकी मंत्रालय ने शुक्रवार को फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब व इंस्टाग्राम के खिलाफ शिकायत के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) संशोधन-2022 से जुड़े कानूनों को अधिसूचित कर दिया है। इसका मकसद यूजर्स को शिकायत करने के लिए एक व्यवस्था प्रदान करना है। अगर किसी यूजर को ब्लॉक कर दिया गया है या उसके कंटेंट को रोका गया है तो इसे लेकर वह यूजर शिकायत अपीलीय समिति (जीएसी) में गुहार लगा सकता है। अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम-2022 के लागू होने की तिथि से तीन महीने के भीतर अधिसूचना के माध्यम से एक या अधिक शिकायत अपीलीय समितियों का गठन करेगी। समिति में एक चेयरपर्सन और केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त दो पूर्णकालिक सदस्य होंगे। इनमें से एक पदेन सदस्य और दो स्वतंत्र सदस्य होंगे।
Ministry of Electronics and Information Technology, Government of India releases the Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Amendment Rules, 2022 pic.twitter.com/m2fRfyCh7B
— ANI (@ANI) October 28, 2022
ऐसे काम करेगी समिति
- शिकायत समिति में यूजर्स किसी भी तरह के गलत व्यवहार की शिकायत दर्ज कर सकेंगे। यूजर्स के अकाउंट को बंद करना, उनके फॉलोअर को घटाना और बढ़ाना, बेतुके विज्ञापनों के मद्देनजर अपीलीय समिति गठित करना सरकार का अहम फैसला है।
- टेक कंपनी के अधिकारी से शिकायत के बाद उसके फैसले से असंतुष्ट व्यक्ति 30 दिनों में शिकायत दर्ज करा सकता है। ये समितियां 30 दिनों में शिकायताें को अंतिम रूप से निपटाएंगी।
- टेक कंपनियों को 24 घंटे में यूजर्स की शिकायतों को स्वीकार करना होगा। तेजी से उनका समाधान भी करना होगा।
पीड़ित यूजर्स को मुआवजा भी
शिकायत अपीलीय समिति की ओर से जारी फैसले में पीड़ित यूजर्स को मुआवजा भी मुहैया कराया जाएगा। साथ ही आदेश को तत्काल लागू करने की अनिवार्यता भी होगी। सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नियम 26 मई, 2021 से लागू हुए थे।