September 1, 2025 12:17 PM

शाकाहारी लोगों मे 14 फीसदी कम रहता है कैंसर का खतरा : शोध मे खुलासा

न्यूज़ डेस्क: तीन प्रतिष्ठित शोध संस्थाओं के वैज्ञानिकों ने व्यापक अध्ययन के बाद दावा किया है कि मांसाहारियों के मुकाबले शाकाहारी लोगों में कैंसर का खतरा 14 फीसदी कम है। इससे पहले कई अध्ययन शाकाहारी भोजने से रक्तचाप, मोटापे और टाइप2 मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियों को दूर रखने में सहायक बता चुके हैं। बीएमसी मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित विश्व कैंसर अनुसंधान कोष, कैंसर रिसर्च यूके और ऑक्सफोर्ड पॉपुलेशन हेल्थ के इस अध्ययन में 4 लाख 72 हजार लोगों को शामिल किया गया था। इनका भोजन संबंधी डाटा यूके बायोबैंक से लिया गया।  मांस  और मछली खाने वाले लोगों को भी अलग-अलग वर्गों में रखा गया। सभी लोगों के 11.4 साल तक की भोजन संबंधी आदतों पर गौर किया गया।

पहले समूह में वो लोग थे जो हफ्ते में 5 या ज्यादा दिन नॉनवेज खाते थे। ये लोग रेड मीट से लेकर चिकन तक, यानी सभी तरह का मांस खाते थे। दूसरे समूह में वो लोग थे जो हफ्ते में 5 या उससे कम दिन मांस खाते थे। तीसरे ग्रुप में उन्हें रखा गया जो सिर्फ मछली खाते हैं। चौथे और आखिरी वर्ग में ऐसे शाकाहारी लोगों को रखा गया, जिन्होंने कभी मांस-मछली नहीं खाई।

Crop from above view of happy woman in sweater eating beet salad with tomato and spinach in cafe

विशेषज्ञ का मत

डॉ. अयान बसु के मुताबिक, शाकाहारी भोजन कोलोरेक्टल कैंसर के जोखिम को 22 फीसदी तक कम करती है। साथ ही कोई भी कैंसर होने के कुल खतरे को 10 से 12 फीसदी तक कम कर देती है। इसलिए सेहत के लिए शाकाहार अच्छा माना जाता है।

कम मांस खाने वालों में भी आशंका 2% कम

वैज्ञानिकों ने पाया कि नियमित मांसाहार करने वाले लोगों की तुलना में कभीकभार मांस खाने वालों में कैंसर का खतरा 2% घट जाता है। सिर्फ मछली खाने वालों में ये खतरा 10 फीसदी और शाकाहारियों में 14 फीसदी कम होता है। कम मांस खाने वालों में आंत में कैंसर होने का खतरा भी 9 फीसदी कम पाया गया।

शाकाहारी महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद होने वाले ब्रेस्ट (स्तन) कैंसर का खतरा 18 फीसदी कम मिला। इसकी वजह नॉर्मल वजन माना जा सकता है। मांसाहारियों के मुकाबले मछली खाने में प्रोस्टेट कैंसर का खतरा 20 फीसदी और शाकाहारियों में 31 फीसदी कम पाया गया।

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