September 3, 2025 3:55 AM

‘जिन लोगों का देश की आजादी में रत्ती भर योगदान नहीं, वह हमें कहते हैं देशद्रोही’ – मौलाना मदनी

सहारनपुर: देश आज स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहा है। इसी कड़ी में दारुल उलूम देवबंद में भी आजादी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस पर जमीयत अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने देश की जंगे आजादी में दिए गए उलमा और मुसलमानों के योगदान के बारे में ध्यान दिलवाया। मदनी ने कहा कि जिन लोगों का देश की आजादी में रत्ती भर योगदान नहीं, वह आज देश के लिए जान देने वाले मुसलमानों को देशद्रोही बता रहे हैं। उन्होंने देश की तरक्की के लिए विकास की सियासत करने पर जोर दिया।

दरअसल, दारुल उलूम की आजमी मंजिल परिसर में मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी और जमीयत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने ध्वजारोहण किया। इस दौरान मदनी ने कहा कि जिस समय किसी के अंदर अंग्रेज के खिलाफ मुंह खोलने की हिम्मत नहीं थी, उस समय उलेमा ने इस देश की आजादी की लड़ाई का बिगुल बजाया। शाह अब्दुल अजीज देहलवी ने सबसे पहले देश की आजादी के लिए अंग्रेजो के खिलाफ जिहाद का फतवा दिया था। उलमा ए देवबंद ने 200 साल तक आजादी की लड़ाई लड़ी है।

मदनी ने कहा कि बड़े दुख की बात है कि जिनके बड़ो ने देश के लिए अपनी जानों की कुर्बानी दी, उन्हीं को आज देशद्रोही बताया जा रहा है। हैरत तो यह है कि देशद्रोही कहने वाले वह लोग हैं, जिनका देश की आजादी में रत्ती भर कोई योगदान नहीं रहा। उन्होंने कहा कि असल में देशद्रोही वह हैं जो देश में नफरत का माहौल पैदा करके दिलों को बांटने का काम कर रहे हैं। बोलें कि कुछ हजार झंडे बांट देने से कोई मुजाहिद ए आजादी नहीं बन जाता। हमने हमेशा इस देश के प्यार मोहब्बत भाईचारे और एकता अखंडता को हमेशा  मजबूत करने का काम किया है, लेकिन आपने सिर्फ 10 साल में ही इस देश को नफरत की आग में झोंक दिया है। नफरत की राजनीति छोड़कर देश के विकास की सियासत की जानी चाहिए।

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